UGC (विश्वविद्यालय अनुदान आयोग) ने हाल ही में अपने पाठ्यक्रम में कुछ महत्वपूर्ण बदलाव किए हैं, जो देशभर के विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में लागू होंगे। ये बदलाव शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार और छात्रों को बेहतर अवसर प्रदान करने के उद्देश्य से किए गए हैं। यहां उन प्रमुख बदलावों का विवरण दिया गया है:

- UGC – मल्टी-डिसिप्लिनरी शिक्षा:
- छात्रों को विभिन्न विषयों का अध्ययन करने की स्वतंत्रता दी जाएगी, जिससे वे अपने रुचि और करियर की आवश्यकताओं के अनुसार पाठ्यक्रम का चयन कर सकेंगे।
- चार वर्षीय स्नातक कार्यक्रम (FYUP):
- स्नातक पाठ्यक्रम की अवधि को चार वर्ष कर दिया गया है, जिसमें छात्रों को रिसर्च करने का अवसर भी मिलेगा। यह बदलाव राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के तहत किया गया है।
- क्रेडिट बैंक सिस्टम:
- छात्रों को अपने पाठ्यक्रम के दौरान अर्जित क्रेडिट्स को एक क्रेडिट बैंक में जमा करने की सुविधा होगी। इससे वे अपनी शिक्षा को लचीले ढंग से पूरा कर सकेंगे और आवश्यकता पड़ने पर ब्रेक भी ले सकेंगे।
- इंटर्नशिप और स्किल डेवलपमेंट:
- छात्रों के लिए इंटर्नशिप और व्यावसायिक कौशल विकास के अवसरों को पाठ्यक्रम का अनिवार्य हिस्सा बनाया गया है, जिससे वे उद्योग की मांगों के अनुसार तैयार हो सकें।
- ऑनलाइन और ब्लेंडेड लर्निंग:
- डिजिटल शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए ऑनलाइन और ब्लेंडेड लर्निंग मोड को शामिल किया गया है, जिससे छात्रों को अपनी गति से और अपने समयानुसार शिक्षा प्राप्त करने में मदद मिलेगी।
- वैज्ञानिक और प्रायोगिक शिक्षा:
- वैज्ञानिक दृष्टिकोण और प्रायोगिक शिक्षण विधियों पर जोर दिया गया है, ताकि छात्रों की सृजनात्मकता और शोध क्षमता को बढ़ावा मिल सके।
इन बदलावों का उद्देश्य शिक्षा प्रणाली को अधिक लचीला, समावेशी और रोजगार योग्य बनाना है। UGC ने सभी विश्वविद्यालयों और उच्च शिक्षण संस्थानों को इन नीतियों को जल्द से जल्द लागू करने का निर्देश दिया है ताकि छात्रों को इन नए अवसरों का लाभ मिल सके।